हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले पाँच वर्षों में दुनिया भर में 30% से अधिक जॉब्स AI से प्रभावित होंगी। इससे सबसे ज्यादा असर पड़ेगा मिड-लेवल और repetitive जॉब्स पर, जैसे कि कॉल सेंटर, क्लेरिकल वर्क, और बेसिक टेक्निकल सपोर्ट। वहीं, AI को ऑपरेट और मैनेज करने वाले स्किल्ड प्रोफेशनल्स की मांग तेजी से बढ़ेगी।
इस बदलाव से भारत जैसे विकासशील देशों में युवा वर्ग पर सीधा असर पड़ेगा। अब केवल डिग्री नहीं, बल्कि टेक्निकल और डिजिटल स्किल्स की ज़रूरत होगी। सरकार और शैक्षणिक संस्थानों को मिलकर ऐसे कोर्सेज लाने होंगे जो युवाओं को AI के साथ काम करने लायक बनाएं।
AI को रोकना संभव नहीं है, लेकिन उसके साथ तालमेल बिठाना ज़रूरी है। यदि युवाओं को सही दिशा और प्रशिक्षण मिले, तो वे इस टेक्नोलॉजी को अवसर में बदल सकते हैं। वरना वही टेक्नोलॉजी उनके करियर के लिए चुनौती बन जाएगी। अब समय है कि हम जागरूक बनें और भविष्य की तैयारी करें।
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