2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। ChatGPT जैसे टूल्स अब सिर्फ सवालों के जवाब ही नहीं दे रहे, बल्कि कंटेंट राइटिंग, ईमेल लिखना, कोडिंग करना और यहां तक कि कस्टमर सपोर्ट जैसी नौकरियाँ भी कर पा रहे हैं। इससे बहुत सी पारंपरिक नौकरियाँ खतरे में आ गई हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले 5-10 सालों में डेटा एंट्री, ट्रांसलेशन, बेसिक डिजाइनिंग, और रिटेल जैसे क्षेत्रों में जॉब्स कम होती जाएंगी। जो लोग इन क्षेत्रों में काम करते हैं, उन्हें अब खुद को अपग्रेड करना होगा। टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी आधारित स्किल्स (जैसे वेब डिज़ाइन, UI/UX, डिजिटल मार्केटिंग, AI टूल्स चलाना आदि) में महारत हासिल करना जरूरी है।
ChatGPT जैसी AI टूल्स को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इनका समझदारी से इस्तेमाल करके खुद को और भी प्रोडक्टिव बनाया जा सकता है। जो लोग नए स्किल्स सीखेंगे, उन्हें AI का डर नहीं बल्कि फायदा मिलेगा। इसलिए यह समय है smart बनने का, hard नहीं।
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